Symptoms Of Pregnancy In Hindi-प्रेग्नेंसी के लक्षण
Symptoms of Pregnancy में मां और बच्चे के बीच एक खास संबंध है, जिसमें न केवल नई जिंदगी की शुरुआत होती है, बल्कि आपके शरीर में भी कई बदलाव होते हैं। प्रेग्नेंसी एक महिला के जीवन का महत्वपूर्ण और रोमांचक अध्याय होता है, प्रेग्नेंसी के पहले हफ्तों में, बहुत सारे बदलाव होते हैं, प्रेग्नेंसी में आपके शरीर में कई बदलाव भी शामिल हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी के पहले हफ्तों में होने वाले लक्षण और परिवर्तन इस सफर की शुरुआत को सूचित करते हैं। इस लेख में, हम विस्तार से आपको बताएंगे कि प्रेग्नेंसी के पहले पहले हफ्तों में कौन-कौन से लक्षण दिखाई दे सकते हैं और उनका मतलब क्या हो सकता है।
Pregnancy (प्रेग्नेंसी) के पहले हफ्तों में लक्षण:
मामूली थकान और उबान
Symptoms of Pregnancy (प्रेग्नेंसी) के पहले सप्ताह में आपको अक्सर मामूली थकान और उबान महसूस हो सकती है। यह शायद शरीर में होने वाले हार्मोन बदलावों के कारण हो सकता है, जिनका असर आपके शरीर पर पड़ता है जब गर्भनाली विकसित हो रही होती है।
स्तन में बदलाव
प्रेग्नेंसी के पहले हफ्तों में स्तनों में सूजन और तनाव की समस्या हो सकती है। यह हार्मोनों में बदलाव के कारण होता है जो उनके शरीर में हो रहे गर्भावस्था की तैयारी का हिस्सा है।
मतली और उल्टियाँ
प्रेग्नेंसी के पहले हफ्तों में महिलाओं को अक्सर मतली और उल्टियों की समस्या होती है। यह भी हार्मोनों में बदलाव के कारण हो सकता है जो उनके शरीर में गर्भावस्था की शुरुआत में होते हैं।
पेट में दर्द और खिचाव
प्रेग्नेंसी के पहले हफ्तों में कुछ महिलाएं पेट में हलका दर्द या खिचाव महसूस कर सकती हैं। यह गर्भावस्था के शुरुआती चरण में गर्भाशय में होने वाले बदलाव के कारण हो सकता है।
भूख की वृद्धि
प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते में कई महिलाएं अधिक भूख महसूस कर सकती हैं। यह भी हार्मोन के स्तर में वृद्धि के कारण हो सकता है, जिससे उनके खाने की इच्छा बढ़ सकती है।
When do the symptoms start? – प्रेग्नेंसी के लक्षणों की शुरुआत कब होती है।
Introduction – परिचय:
Symptoms of Pregnancy “गर्भावस्था के लक्षण कब शुरू होते हैं?” यह एक ऐसा सवाल है जिसका उत्तर हर महिला को जानना चाहिए जो गर्भधारण की प्रक्रिया में है। गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं, और इन बदलावों के साथ-साथ कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं, इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि गर्भावस्था के लक्षण कब और कैसे दिखाई देते हैं और उन्हें पहचानने के तरीके क्या हैं?
पीरियड्स में बदलाव:
जब गर्भावस्था की शुरुआत होती है, पीरियड्स आने के 3-7 दिन पहले बॉडी में कुछ बदलाव होते हैं। प्रोजेस्टेरोन हॉर्मोन की कमी होने से पीरियड्स आते हैं, इसके साथ ही खून की मात्रा में भी कमी हो सकती है। लेकिन अचानक आए इस चेंज के कारण कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसमें पेट-पीठ और कमर में दर्द, मूड स्विंग्स, थकान, चिड़चिड़ापन, गैस होना, टिशू में पानी जमा होना, चक्कर आना और बेहोशी तक शामिल है।
उच्च थकान:
गर्भावस्था के दौरान शरीर से खून निकलता है। ऐसे में शरीर में खून की कमी हो सकती है, इसका कारण है शरीर में होने वाले विभिन्न बदलाव और गर्भावस्था के साथ शारीरिक प्रयास की वृद्धि। जिससे आपको थकान महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको आयरन से भरपूर चीजें खानी चाहिए। जैसे- हरी सब्जियां और दाल में भरपूर मात्रा में आयरन पाया जाता है।
स्तनों में बदलाव:
गर्भावस्था के समय स्तनों में सूजन और दर्द की समस्या बहुत ही आम है जिसे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम या पीएमएस कहा जाता है. ये समस्या सिर्फ पीरियड्स के दौरान ही होती है जो पांच से सात दिनों में ठीक हो जाती है, कई महिलाओं को स्तनों में गांठ और सूजन जैसे इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है
उल्टियाँ और मतली:
गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में कुछ महिलाएं उल्टियों और मतली की समस्या से पीड़ित हो सकती हैं। यह हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है जो शरीर में होते हैं। यह भी संभव है कि चिकित्सा स्थितियां या संक्रमण हार्मोन संतुलन में हस्तक्षेप कर सकते हैं, जो शरीर में होते हैं।
पेट में बदलाव:
गर्भावस्था के दौरान हार्मोन में होने वाले बदलाव से महिलाओं के पेट में भी बदलाव हो सकता है। इसका कारण बढ़ते गर्भ की वजह से पेट में दबाव का वृद्धि होना है, सके साथ ही प्रोजेस्टेरोन के स्तर में गिरावट से गैसी अहसास होता है, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है और कब्ज या दस्त की समस्या होने लगती है. इससे भी पेट दर्द होने की शिकायत होती है।
बदलती खानपान की इच्छा:
Symptoms of Pregnancy (गर्भावस्था0 के दौरान महिलाएं अक्सर अपने खानपान में बदलाव करने की इच्छा रखती हैं। कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति विशेष रुचि और कुछ खाद्य पदार्थों के प्रति असहमति हो सकती है।
इम्प्लांटेशन (implantation) के संकेत
प्रेग्नेंसी के पहले हफ्ते में लक्षण दिखने पर जैसे ही डॉक्टर से पुष्टि करता हैं। वैसे ही बच्चे के सपने और उसके लिए भविष्य की योजनाएं बननी शुरू हो जाती हैं। प्रेग्नेंसी में खाने का ध्यान जरूर रखें और याद रखें कि अनजाने में भी भारी सामान जैसे भरी हुई बाल्टी नहीं उठाना है।
- प्रेग्नेंसी के पहले महीने में भारी एक्सरसाइज करना सख्त मन हैं लेकिन डॉक्टर की सलाह से प्रेग्नेंसी में हल्की फूलकी एक्सरसाइज की जा सकती है
- कब्ज और अपचन हो इसलिए फाइबर युक्त खाना खाएं।
- डिहाइड्रेशन न हो इसलिए आठ से दस ग्लास पानी पिया करे, ऐसा करने से डायरिया भी नहीं होगा।
- डॉक्टर की सलाह से विटामिन सप्लीमेंट या विटामिन युक्त फूड जरूर लें।
- खुद को खुश रखें और अच्छी किताबें पढ़ें। इससे मन खुश रहेगा और बच्चे पर भी अच्छा असर पड़ेगा।
- डॉक्टर ने सिजेरियन डिलीवरी का कहा है तो घबराएं नहीं। अगर नॉर्मल डिलीवरी की भी गुंजाइश है तो ज्यादा तनाव लेने से यह खत्म हो जाएगी।
- पहले महीने में लंबा सफर न करें, इससे मिसकैरिज की संभावना रहती है।
- हिल वाली सैंडल न पहनें, ऊंची सैंडल से पैर मुड़ने या जमीन पर गिरने का खतरा रहता है।
- प्रेग्नेंसी के पहले महीने में ज्यादा न झुकें, इससे पेट पर दबाव पड़ता है।
- डॉक्टर की सलाह के बिना छोटी मोटी तकलीफों के लिए दवा न लें।
- सुबह की ताजा हवा में घूमें, इससे मन खुश रहेगा।
- कॉस्मेटिक सामान इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतें, ज्यादा केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करें।
अगर आप अपनी वेबसाइट पर ट्रैफ़िक बढ़ाने के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया विजिट करें: The Insider’s Views