स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) लक्षण और इलाज | Schizophrenia in Hindi
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) यह यहाँ एक ऐसा विचार है जो व्यक्ति की स्पष्ट रूप से सोचने, महसूस करने और व्यवहार करने की क्षमता को प्रभावित करता है. ‘मनोविदलता’ इस नाम से भी जाना जाता है|
‘मनोविदलता’ और ‘स्किज़ोफ्रेनिया’ दोनों का शाब्दिक अर्थ है – ‘मन का टूटना’। स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) रोग में रोगी के विचार, संवेग तथा व्यवहार में आसामान्य बदलाव आ जाते हैं जिनके कारण वह कुछ समय लिए अपनी जिम्मेदारियों तथा अपनी देखभाल करने में असमर्थ हो जाता है।
आज के इस मे हम स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) में जानिए इसके कारण, लक्षण, प्रकार और उपचार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में जानेंगे ?
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) का कारण क्या हैं? Schizophrenia causes in Hindi?
स्कित्सोफ़्रीनिया (मनोविदलता) का कोई ठोस कारण का अभी तक ज्ञात नहीं हैं। ऐसे कई कारण है जो किसी व्यक्ति मे सिज़ोफ्रेनिया विकसित होने को कारक हो सकते हैं,
स्किज़ोफ्रेनिया के लक्षणों में सच्चाई से परे दिखाई देने वाले विचार या अनुभव होना, अव्यवस्थित बोलना या व्यवहार करना, और दैनिक गतिविधियों में कम भाग लेना शामिल हैं. ध्यान केंद्रित करने और बातें याद रखने में कठिनाई भी मौजूद हो सकती है. इलाज आमतौर पर जीवनभर चलता है और उसमें अक्सर दवाएं, मनोचिकित्सा और हालत के हिसाब से विशेष देखभाल सेवाएं शामिल होती हैं।
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) के लक्षण क्या हैं? Schizophrenia Symptoms in Hindi?
डॉक्टर से जाँच कराना बहुत ही ज़रूरी होता है
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) के लक्षणों में सच्चाई से परे दिखाई देने वाले विचार या अनुभव होना, अव्यवस्थित बोलना या व्यवहार करना, और दैनिक गतिविधियों में कम भाग लेना शामिल हैं. ध्यान केंद्रित करने और बातें याद रखने में कठिनाई भी मौजूद हो सकती है |
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia)का निदान कैसे किया जाता हैं? Schizophrenia diagnosis in Hindi ?
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) का निदान मनोचिकित्सक (Psychiatrist) }द्वारा रोगी का व्यापक मूल्यांकन करने के बाद किया जाता हैं। इसमे की चरण शामिल हैं:
1. निदान (Diagnosis): पीड़ित के लक्षणों से जुड़ी पूरी जानकारी का मूल्यांकन कर मनोचिकित्सक पीड़ित व्यक्ति को स्कित्सोफ़्रीनिया है या नहीं इसका निदान करते हैं।
2. अन्य स्थितियों को खारिज करें: मनोचिकित्सक रोगी मे नजर आने वाले लक्षण किसी अन्य कारण से तो नहीं या रहे है इसकी जांच करते है जैसे की नशा करना, कोई अन्य रोग या दवा का दुष्परिणाम आदि।
3. लक्षण मूल्यांकन (Symptoms Assessment): स्कित्सोफ़्रीनिया (मनोविदलता) का निदान करने के पीड़ित व्यक्ति मे नजर आने वाले लक्षणों की तीव्रता और अवधि का मुलायंकन किया जाता हैं।
4. नैदानिक मानदंड (Diagnostic Criteria): स्कित्सोफ़्रीनिया (मनोविदलता) का निदान Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders (DSM-5) में उल्लिखित मानदंडों पर आधारित है, जो मानसिक स्वास्थ्य विकारों के लिए व्यापक रूप से स्वीकृत वर्गीकरण प्रणाली है। स्कित्सोफ़्रीनिया (मनोविदलता) का निदान करने के लिए, पीड़ित व्यक्ति के 6 महीने के अवधि मे नजर आनेवाले लक्षणों को देखा जाता हैं।
5. पारिवारिक जानकारी: मनोचिकित्सक पीड़ित के लक्षणों संबंधी अधिक जानकारी के लिए परिवार के सदस्यों, करीबी दोस्तों या अन्य देखभाल करने वालों से जानकारी एकत्र की जा सकती है।
6.साक्षात्कार (Interview): मनोचिकित्सक पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों, चिकित्सा इतिहास, पारिवारिक इतिहास और किसी भी अन्य कारकों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए पीड़ित व्यक्ति के साथ साक्षात्कार या Interview लेते है जिसमे रोगी से सवाल पूछे जाते हैं इससे लक्षणों की प्रकृति और अवधि को समझने में मदद मिलती है।
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) का इलाज क्या हैं? Schizophrenia Treatment in Hindi?
स्कित्सोफ़्रीनिया (Schizophrenia) का इलाज करने मे औषधि चिकित्सा के साथ मानसिक और सामाजिक मदद की आवश्यकता होती हैं।
• स्कित्सोफ़्रीनिया को दूर करने के लिए आजकल काफी प्रभावशाली व सुरक्षित नई दवाईयों का इस्तेमाल हो रहा है
• स्कित्सोफ़्रीनियादूर हो जाने पर भी दवा का सेवन तब तक न रोकें जब तक की चिकित्सक न कहें।
• दवा से होने वाले कुछ अनावश्यक प्रभावों पर नजर रखें ।
• चिकित्सक जब भी जाँच के लिए बुलाएँ समय पर जाँच जरूर करवाएँ,
• यदि रोगी स्त्री है तो उसे गर्भधारण से पहले मनोचिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है ताकि उसकी उसकी दवा में सही अनुपात में परिवर्तन करके उसको तथा गर्भ को किसी भी नुकसान से बचाया जा सके।
• स्तनपान कराते हुए भी चिकित्सकीय सलाह लेना आवश्यक है।
• रोगी की नींद व पोशक भोजन का ध्यान रखें। स्कित्सोफ़्रीनिया के इलाज के लिए जो दवा दी जाती हैं वे काफी सुरक्षित हैं। परन्तु कुछ दवाईयों से निम्नलिखित अनावश्यक प्रभाव (साइड इफ़ेक्ट्स) हो सकते हैं, जैसे कि :-
• हाँथ-पैर की कम्पन
• अत्याधिक सुस्ती का रहना
• लार टपकना
• शरीर का कड़ा हो जाना
• जुबान ल्रड़खड़ाना
• वजन बढ़ने लगना, आदि।
उपचार में दवाइयां और थैरेपी शामिल है
इलाज आमतौर पर जीवनभर चलता है और उसमें अक्सर दवाएं, मनोचिकित्सा और हालत के हिसाब से विशेष देखभाल सेवाएं शामिल होती हैं
आशा करते है, की हमारी पोस्ट “स्कित्सोफ़्रीनिया कारण, लक्षण और इलाज | Schizophrenia in Hindi 2023” इस से संबंधित जानकारी आपको अच्छी तरह से समझ आ गई, तो आप इसी तरह की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग Upcharpoint पर विजिट करते रहिये
धन्यवाद…!
https://nirogikaya.com/disease